Author: Krishna

“SMARTPHONE” when the word enters in our ear the brain automatically hits some thoughts related to our smartphone, an immediate response of brain gives us an indication & it arises a desire to check the smartphone as soon as possible. ‘What & how much notifications are there? we want to know first, our emotion & hormones drive by this feeling. As everyone want to take full advantage & use of technology if he/she has & if it is interesting then no one can keep themselves away and disconnected from this small gadget.  We often listen in television and read in…

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भारत एक प्राकृतिक संसाधन सम्पन्न राष्ट्र है जिसकी भूमि पर वन, नदी, झरने, झील, सागर ,महासागर उपस्थित हैं। भारत इन संसाधनो के उपयोग से अत्यंत प्रगति कर रहा है किन्तु मानव समाज लाभ हेतु इनका निरंतर दोहन कर रहा है जिससे ये सम्पदाए पृथ्वी से तेजी से नष्ट हो रही है, ठीक उसका एक उदाहरण बुन्देलखण्ड क्षेत्र है जो पानी व सूखे की समस्या को झेल रहा है प्राचीन समय में इस क्षेत्र में लगभग 4000 जल संरचनाये हुआ करती थी वर्तमान समय में इनमे से आधी जल संरचनाये मानव समाज द्वारा दोहन व प्रबंधन न होने कारण नष्ट होने…

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Abstract As the global population continues to grow and dietary patterns shift towards higher protein consumption, traditional meat production faces mounting challenges. Lab-grown meat, a cutting-edge technology that allows meat to be cultivated in controlled laboratory settings, offers a promising solution. This article explores the emergence and potential of lab-grown meat as a sustainable and eco-friendly alternative. Lab-grown meat made possible through advancements in cell culture techniques, has gained regulatory approval in countries like Singapore and the USA. It represents a fundamental shift in meat production, with the potential to significantly reduce the environmental footprint associated with traditional livestock farming.…

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मिल ही जाएगी राखी, मेरे मामा को आज भेजी है जो मां ने प्रेम से, विक्रम के साथ । देखो विक्रम! उतरना हल्के पांव, मामा के आंगन। और फिर सौंप देना यह रक्षा सूत्र मामा के हाथ। पांव छू कर फिर मामा के जोर से कहना “मामा मैं आ गया।” मामा फिर लगा कर गले तुझको सच में यही कहेगा, “पूरी दुनिया से मिला हूं मैं पर तुझ से मिल कर मजा आ गया।”🇮🇳 शुभ कामनाएं💐💐

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सारांश कृषि कार्य, ऊर्जा उत्पादन (एनर्जी प्रोडक्शन) एवं दैनिक जरूरतों के लिए साफ और सुरक्षित पानी की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर रहने वाला छोटा या बड़ा प्रत्येक जीव  अपनी आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए जल पर निर्भर है, जो इस कहावत को सत्यार्थ करता है “जल ही जीवन है”। जनसंख्या विस्फोट, अवांछित पर्यावरण परिवर्तन एवं मानव उपभोग में दिन प्रतिदिन वृद्धि से विश्व के लगभग एक बिलियन लोग जल संकट वाले क्षेत्रों में रहने को मजबूर हैं और वर्तमान में दुनिया की आबादी का लगभग एक चैथाई हिस्सा गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्लूआरआई)…

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भारत वैश्विक स्तर पर मोटे अनाजों (millets)  का सबसे बड़ा उत्पादक देश रहा है। मोटे अनाजों (millets)  की तीन किस्में, अर्थात् मोती मोटे अनाजों (millets)  (मोटे अनाजों (millets) ), ज्वार (ज्वार), और फिंगर मोटे अनाजों (millets)  (रागी), भारत के कुल मोटे अनाजों (millets)  उत्पादन का बड़ा हिस्सा हैं। भारतीय मोटे अनाजों (millets)  की प्रमुख किस्मों में से, मोटे अनाजों (millets)  और जोव मिलकर विश्व उत्पादन में लगभग 19 प्रतिशत का योगदान करते हैं। आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड भारत के प्रमुख मोटे अनाजों (millets)  उत्पादक राज्य हैं। भारत में मील उत्पादन…

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हाल ही में तमिलनाडू सरकार ने ऑनलाइन जुआ एवं जुए सरीखे ऑनलाइन खेलों पर रोक लगाने का क़ानून पास किया है. पारित विधेयक के पक्ष में तर्क रखते हुए मुख्य मंत्री ने ऑनलाइन जुए के स्वास्थ्य एवं सामाजिक जीवन यहाँ तक की कानून व्यवस्था पर पड़े दुष्प्रभावों का ज़िक्र किया, इस के चलते होने वाली आत्महत्याओं का ज़िक्र किया. हो सकता है कि कानूनी दाव पेच के चलते यह कानून अदालतों में जा कर अटक जाए परन्तु महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस विधेयक को सभी दलों का समर्थन प्राप्त था. इस से पता चलता है कि ऑनलाइन जुए को…

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जब वह नदी थी तो उसके भीतर एक दुनिया थी नदी का अपना अनोखा संसार जिसमें सीप – घोघे काई -सिवार छोटी – बड़ी मछलियाँ मछुआरों के जाल पानी के साँप किनारे मचलती नहाती भैंसे और उनका बदन रगड़ते चरवाहे नदी के दोनों किनारे देखते रहते राह चरने आने वाले पशुओं के चरवाहों के अल्हड़ गीत के लिए खुले रहते उनके कान कभी बंसी बजती , कभी मजीरे लोग आते – जाते रहते राहगीरों की तरह पेड़ों की छाँव में ठहर जाते राहगीर धूप में चिड़ियों की चलती रहती सभाएँ सिर के उपर झाड़ियों के उपर लिपटी बेलें बेलों में…

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Introduction: The scarcity of energy and the deterioration of the environment have emerged as two of the most serious issues facing people today as a result of the economy and society’s rapid development. The building industry is today the largest user of global energy resources, as well as a leading source of environmental pollution. It also consumes a variety of resources, including ores, wood, and other resources. Therefore, in order to improve the current situation of high resource consumption and high environmental pollution, the building industry immediately needs to understand and design the sustainable development model. Green building is the…

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कृषि वर्तमान में कीट, वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, प्राकृतिक संसाधनों की कमी और उत्पादन में कमी जैसी  कई चुनौतियों का सामना कर रही है। एक अतिरिक्त कठिनाई यह है कि पारंपरिक कृषि पद्धतियां कीटनाशकों और उर्वरकों के निरंतर उपयोग पर निर्भर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। 2050 तक दुनिया की आबादी 9-10 अरब तक बढ़ने की उम्मीद है जिसका अर्थ है कि खाद्य उत्पादन को मौजूदा स्तरों की तुलना में 25-70% तक बढ़ाने की आवश्यकता होगी। कृषि में टिकाऊ क्षमता सुनिश्चित करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई तकनीकों के उपयोग की आवश्यकता…

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