मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम (Soil Health Card Yojna) को 19 फ़रवरी 2015 में भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए लाया गया है। इस योजना से भारत के वो सभी किसान बंधुओ के लिए है लेकिन विशेष रूप से उन किसान बंधुओ के लिए है जिनके खेतों में सही प्रकार से अनाजों का पैदावार नहीं हो पा रहा है। जिसका बहुत सारा करण है जो निमन्लिखित है :-
- पहला लोगों द्वारा गलत फसल / फसल चक्र का चुनाव, बीज/मृदा का सही शोध का तरीका।
- दूसरा लोगों को पता ना होना कि उनके खेत की मिटटी में कौन सा खाद या उर्वरक ज्यादा चाहिए और कौन सा कम, ना ही उन्हें पता है कैसे वो अपने मिटटी की उर्वरता शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
इन कारणों को समझने के बाद हमारे माननीय प्रधानमंत्री – नरेन्द्र मोदी जी ने किसान भाईयो के लाभ हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) को शुरू किया। इस योजना से सभी किसान भाई जो अपने खेत की मिटटी की जाँच करवाना चाहता है उन्हें अपने खेत की मिटटी को परिक्षण के लिए भेजने पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) प्रदान किया जाता है। मृदा परीक्षण किसान भाईयो अपने निकटतम जिला प्रयोगशाला करवा सकते है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) की विशेषताएं –
- सरकार ने इस योजना के तहत पुरे भारत के 14 करोड़ से भी ज्यादा किसानों तक इस स्कीम से जोडने की सोच है।
- यह योजना भारत के हर क्षेत्र में उपलब्ध है।
- इस योजना से जुड़े हुए सभी किसानों को उनका मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) ऑनलाइन और प्रिंट कर के दिया जाता है। यह 12 भाषाओं में मौजूद है।
- किसानों को रबी और खरीफ फसल की कटाई के बाद एक वर्ष में दो बार अपनी मिट्टी के नमूने लेने चहिये।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मृदा के लगभग 12 रासायनिक गुणों का वर्णन किया गया है। इसमें पी. एच., विद्युत चालकता (ई. सी.), मिट्टी कार्बनिक कार्बन, उपलब्धित नाइट्रोजन, उपलब्धित फॉस्फोरस, उपलब्धित पोटेशियम, उपलब्धित सल्फर, उपलब्धित लोहा, उपलब्धित मैंगनीज, उपलब्धित तांबा, उपलब्धित जस्ता और उपलब्धित बोरान शामिल हैं।
- हर किसान को उनके मिटटी / मृदा का स्वास्थ्य कार्ड प्रति 3 वर्ष में दिया जाता है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) में आपको निम्लिखित चीजों की जानकारी मिलती है –
- मृदा का स्वास्थ्य की यह मिटटी फ़सल करने के लिए सही है या नहीं।
- मिटटी की विशेषताएं और सामान्य सिफारिशें।
- मिटटी में उपलब्ध सभी पोषक तत्व।
- मिटटी में किन-किन खाद का किन-किन अनाज के फ़सल में कितना उपयोग करना चाहिए उसकी जानकरी।
- मिटटी की कुछ और अच्छी विशेषताएं।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) मिलने पर किसानों को कई प्रकार के फायदे हैं –
- इस स्कीम की मदद से किसानों को अपने खेत की मिटटी के बारे में सही स्वास्थ्य जानकारी मिल पायेगी। इससे वो मन चाहे अनाज / फ़सल कर सकते हैं।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड हर 3 साल में सर्कार प्रदान करती है जिसके कारण किसान को अपने मिटटी के बदलाव के बारे में भी बिच-बीच में पता चलते रहेगा।
- इस योजना के तहत किसानो को अच्छी फ़सल उगाने में मदद मिलेगी जिससे उन्हें और देश दोनों का फायदा होगा।
- इससे किसानों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा और देश उन्नति की और बढेगा।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम कैसे काम करता है?
- सबसे पहले एक अधिकारी आपके खेत की कुछ मिटटी का एक सैंपल के कर उसे Sample Bag मैं भरते हैं।
- उसके बाद उस मिटटी को परिक्षण के लिए लेबोरेटरी में भेजा जाता है।
- वहां विशेषज्ञ मिटटी की जाँच करते हैं और मिटटी के बारे में सभी जानकारियाँ प्राप्त करते हैं।
- उसके बाद वे रिपोर्ट तैयार करते हैं कि कौन से मिटटी में क्या ज्यादा और क्या कम।
- उसके बाद इस रिपोर्ट को एक-एक करके किसान के नाम के साथ ऑनलाइन अपलोड किया जाता है जिससे की किसान अपने मिटटी का रिपोर्ट जल्द से जल्द देख सके और उनके मोबाइल पर भी इसकी जानकारी दी जाती है। किसान ऑनलाइन अपने मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) को सामने दिए हुए लिंक पर देख सकते हैं – https://soilhealth.dac.gov.in/
- बाद में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) Print करके घरों तक पहुँचाया जाता है।
- विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केन्द्र, सुल्तानपुर, ए. एन.डी.यू.ए.टी., कुमारगंज, अयोध्या
- विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केन्द्र, सोनभद्र, ए.एन.डी.यू.ए.टी., कुमारगंज, अयोध्या
- शोध छात्र, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
- शोध छात्र, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ
- सहायक अध्यापक, एसजीपी विश्वविद्यालय, गुरूग्राम हरियाणा
Corresponding Author: shivambuat@gmail.com