कोरोना वायरस लगभग पिछले 2 वर्षों से पूरे विष्व में चिंता का कारण बना हुआ है अगर इस वायरस के नए नए वेरिएंट आते रहे तो यह करो ना परिवार के अन्य खतरनाक वायरस सारस और सार्स के आतंक को पार कर जाएगा। सार्स ने वर्ष 2003 में खतरनाक रूप धारण किया था और मांस ने साल 2012 में अपना कहर पूरे विष्व में बरपाया था सार्स और मार्च दोनों ही ऐसे वायरस थे जिन्होंने ज्यादा वैरीएंट पैदा नहीं किए और ना उनमें खतरनाक किस्म के म्यूटेशन देखे गए थे। कोरोना इस मामले में ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है प्रत्येक कोरोनावायरस में आर एन ए के लगभग 30,000 लेटेस्ट होते हैं जो कोशिकाओं को संक्रमित करने और नए वायरस बनाने के लिए उनका अपहरण करने का मौका देते हैं कोई आशा जनक नहीं है कि विगत 2 वर्ष में दुनिया में कोविड-19 के 6000 से ज्यादा वैरीअंट देखे गए हैं और उनके मिशन की संख्या 22 लाख से ज्यादा है इनमें अभी ओम क्रोन नामक वेरिएंट के आतंक से दुनिया गुजर रही हैैं दक्षिण अफ्रीका से निकले इस वैरीअंट की कम से कम 6 देशों में फैल जाने की आशंका जताई जा रही है एक के बाद एक अनेक देशों से चिंताजनक खबरों का आना शुरू हो गया है हालांकि दक्षिण अफ्रीका सहित दुनिया में इसके कुल मामले अभी 200 से ज्यादा नहीं हुए हैं लेकिन लगातार बढ़ने से फिर से इस वायरस ने पूरे विश्व को चिंता में डाल दिया है
फिर भी दुनिया भर के स्वास्थ्य अधिकारियों ने दक्षिण अफ्रीका में पाए गए नए कोरोनावायरस संक्रमण पर चेतावनी के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है कोरोना वायरस समय के साथ रूप बदलता है अधिकांश वैरीअंट का उनके स्वरूप पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है कुछ ही वैरीअंट होते हैं जो ज्यादा चिंता में डालते हैं चिंता इस बात की नहीं है कि यह वायरस लाखों प्रकार के म्यूटेशन दिखा रहा है लेकिन चिंता यह है कि इसके कुछ वैरीअंट बहुत खतरनाक हैं और अभी न जाने कितने वैरीअंट आने वाले हैं वैज्ञानिक चिंतित हैं कि इस वैरीअंट में टीका कितना कारगर हुआ। इलाज के कुछ तरीके कितने काम आएंगे इलाज में नाकामी मिलेगी तो यह वैरीअंट को ज्यादा खतरनाक माना जाएगा असर की बात करें तो अब तक सबसे ज्यादा खतरनाक डेल्टा वैरीअंट ही साबित हुआ है। हां यह बात सामने आ चुकी है कि नई वैरीअंट कॉमिक रोल में स्पाइक प्रोटीन के 30 से अधिक म्यूटेशन है जो मानपुर गांव में तेज घुसपैठ करते हैं वैज्ञानिकों के लिए यह एक बड़ा सवाल है कि क्या इतने में ट्यूटेशन के खिलाफ वर्तमान कोरोना के लड़ने में सक्षम है। इस सवाल का जवाब आने वाले दिनों में ही सामने आएगा लेकिन हम सभी लोगों को अभी से सतर्क रहने की जरूरत है और अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने की जरूरत है यदि हमारे शरीर की इम्यूनिटी अच्छी होगी तभी हम इस नए वायरस से बच सकेंगे।
अधिकतर ऐसा देखा गया है कि जब कोई नया वायरस आता है तो उसे अधिक खतरनाक मान लिया जाता है लेकिन वह भारत अपने आप अपनी मारक क्षमता होने लगता है जैसे सार्स को बहुत खतरनाक माना गया था जिसमें मृत्यु दर 11 प्रतिषत थी। मार्च को भी और भी घातक माना गया था जिसमें मृत्यु दर लगभग 34 प्रतिषत थी लेकिन इन दोनों की बीमारियों का आतंक कुछ ही देशों में सिमट कर रह गया और उनका अब कहीं भी प्रकोप नहीं दिखाई देता है। विगत कुछ वर्षों से कोविड-19 से दुनिया पूरी तरह से डरी हुई है लेकिन यह कोरोना पर वार का अपेक्षित कमजोर वायरस है इसमें मृत्यु दर 3ः00 से 400 प्रतिषत ही है। इस वायरस के साथ सबसे खतरनाक बात यह हुई है कि यह दुनिया के कोने कोने तक फैल गया है आज जरूरत इस से डरने की नहीं बल्कि रहकर इसे फैलने से रोकने की है।
ओमिक्रोन डेल्टा से पांच गुणा अधिक तेज
विश्व में लगातार ओमी क्रोन के मामले बढ़ते जा रहे हैं नया स्वरूप डेल्टा की तुलना में करीब 5 गुना अधिक तेजी से प्रसारित होने की क्षमता रखता हैद्य डेल्टा स्वरूप के साथ इसकी तुलना की जाए तो वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 45 से 52 तक म्यूटेशन अर्थात परिवर्तन दर्ज किए गए हैं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एनसीडीसी के निदेशक डॉ सुजीत कुमार के अनुसार भारत में 9ः में अल्फा 0ण्44 प्रतिशत में बीटा 0ण्00 4ः में गामा और डेल्टा से जुड़े ए वाई के 17ः मामले दर्ज हुए 10 राज्यों के 18 जिलों में संक्रमण दर अभी 5रू00 से 10रू00 अफरीदी के बीच है 63ः मामले डेल्टा से जुड़े हुए मिले हैं
डेल्टा और ओमिक्रोन कौन कितना है खतरनाक
डेल्टा वैरीअंट के स्पाइक प्रोटीन में कुल 18 म्यूटेशन हुए थे इस प्रोटीन के जरिए ही वायरस शरीर में प्रवेश करता है डेल्टा वेरिएंट में महज दो ही म्यूटेशन हुआ थाद्य रिसेप्टर बोर्डिंग डोमिन वायरस का वह हिस्सा है जो इंसान के शरीर के सेल से सबसे पहले संपर्क में आता हैप् ओमी क्रोन में कुल 53 वेकेशन हो चुके हैं जिनमें से 32 मोटेशन तो उसके स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं ओमी क्रोन के रिसेप्टर बोर्डिंग डोमिन में भी 10 म्यूटेशन हो चुके हैं
कोरोना की नई वैरीअंट को लेकर गृह मंत्रालय सक्रिय
कोरोना के नए वेरिएंट कॉमिक रोल को लेकर गृह मंत्रालय सक्रिय हो गया है मंत्रालय ने दिनांक 28.11.2021 को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा कि आने वाले दिनों में वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक विमान सेवाओं को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि की समीक्षा की जाएगी। 2 दिन पूर्व ही विमानन मंत्रालय ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं को शुरू करने की घोषणा की थी नए वेरिएंट की स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस उच्च स्तरीय समीक्षा की बैठक में नए निर्णय लेने की घोषणा की कोरोना वायरस के ओमीनोक्रोन वेरिएंट ने पूरे विष्व में तहलका मचा दिया है। भारत में भी इसको लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस नए अधिक संक्रामक वैरीअंट को रोकने में पूरी ताकत लगाने को कहा है साथ ही जांच निगरानी उपायों और स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी लाने के भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 15 दिसंबर से व्यवसायिक अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने के फैसले की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया गया है हालांकि अभी भारत में ओमीक्रोन का कोई मामला सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 27 नवंबर 2021 को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है इसमें कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम सक्रिय निगरानी तेज जांच संभावित संक्रमण वाले स्थानों की निगरानी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की बात कही है। इसके अलावा टीकाकरण के दायरे को बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी तेजी लाने को कहा गया है संक्रमण दर को 5 प्रतिषत से नीचे रखने के लिए जांच बढ़ाने और इसमें तज-चबत ज्यादा करने के निर्देश दिए गए हैं।
तेजी से फैल रहा है ओमीक्रोन वेरिएंट
संभावित रूप से बेहद संक्रामक बताए जा रहे कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरीअंट के मामले कई और देशों में पाए गए हैं। सबसे ज्यादा नीदरलैंड में ओमीक्रोन के 13 मामलों की पुष्टि हुई है, इसके अलावा जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इसराइल और हांगकांग में भी कोरोना के इस नए वैरीअंट के मामले पाए गए है।ं ओमीक्रोन में डेल्टा वैरीअंट के मुकाबले 2 गुना तेजी से म्यूटेशन हो रहा है ओमीक्रोन के बढ़ते दायरे के बीच दक्षिण अफ्रीकी देशों के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। यात्रा संबंधी पाबंदियां लगाने वाले नए देशों में न्यूजीलैंड, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर और मालदीव शामिल है। इसमें पहले श्रीलंका, सऊदी अरब, ब्राजील, कनाडा, इजरायल, जापान, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका प्रतिबंध लगा चुके हैं हालांकि मेस्को में मित्रों को रोकने के लिए यात्रा पाबंदियों को बहुत अधिक कारगर नहीं बताया है और कुछ देशों द्वारा उठाए गए कदमों को भी अपर्याप्त करार दिया है। दुनिया भर में दक्षिणी अमेरिकी जिन देशों के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं उनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है पहले 7 देशों को लेकर यह पाबंदियां लगाई गई थी जिनमें चार देश और जुड़ गए हैं अब कुल 10 अफ्रीकी देश यात्रा प्रतिबंधों के दायरे में आ गए हैं।
ब्रिटिश सरकार ने कोविड.19 उपचार के लिए नई दवा को दी मंजूरी
ब्रिटेन के दवा नियामक ने गुरुवार को कोविड.19 एक नई दवा को मंजूरी दी जीएसके और बीर बायो टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित युटुब इमेज वायरस के बाहरी स्पाइक प्रोटीन को बांध देती है जिसके वायरस मानव कोशिकाओं से जुड़ नहीं पाता और शरीर में वायरस की प्रतिकृति नहीं बनती है दवा नियामक मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी एम एस आर ए के मुख्य कार्यकारी डॉ जून रहा ने कहा कि यह सभी वैरीअंट के खिलाफ अच्छी तरह से काम करेगी एक परीक्षण में संक्रमण के उच्च जोखिम लोगों वाले देशों में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को 19 फ़ीसदी कम किया है|
क्या बूस्टर डोज की जरूरत होगी
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने ओम मित्रों के प्रभाव को कम करने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत पर जोर दिया है उन्होंने इस पर तत्काल सलाह मिलने की उम्मीद भी जताई है सऊदी अरब ने कहा है कि वह सभी देशों के लोगों को आने देगा लेकिन आने के बाद उन्हें वैक्सीन की एक डोज लेनी पड़ेगी और 3 दिन तक क्वॉरेंटाइन होना होगा एक दिन पहले ही सऊदी अरब ने 7 अफ्रीकी देशों के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी उसके संबंध में नई घोषणा में कुछ नहीं कहा गया है।
मास्क हो सकता है अनिवार्य
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा सरकार फेस मास्क पहनने के नियम दोबारा सख्त करने जा रही है लोगों को सार्वजनिक परिवहन और दुकानों में फिर से मास्क पहनना पड़ेगा। हमारे देश में भी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का यदि वह अनुपालन करते हैं तो निश्चित रूप से ओमिक्रान वायरस से बचा जा सकता है।
बेहद थकान और तेज पल्स रेट है लक्षण
कोविड-19 महामारी को फिर से बढ़ाने का खतरा पैदा कर रहे वायरस के ओम क्रोन वैरीअंट के नए व असामान्य लक्षण सामने आए हैं दक्षिण अफ्रीका की प्रशासकीय राजधानी प्रिटोरिया में निजी सेवाएं दे रही डॉक्टर एजलिक कोटू जी ने इलाज के दौरान के लक्षण देखें डॉरमेट्री जी को ओमीक्रोन संक्रमण रिपोर्ट करने वाली पहली डॉक्टर माना जाता है। वह शोध के लिए वैज्ञानिकों को जानकारी मुहैया करा रही है उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन संक्रमित मरीज की स्वाद एवं सुनने की छमता नहीं गई थी जैसा कि कोविड-19 मरीजों में हो रहा था इन मरीजों में बेहद थकान और तेज पल्स रेट दर्ज हुई उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के टीका सलाहकार बोर्ड की इन लक्षणों की रिपोर्ट दी है कोरोना के बाकी लक्षण जैसे बुखार खांसी आज भी हल्के हैं इससे मरीजों को संक्रमित होने का अंदाजा नहीं लग रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने घोषित किया है वैरीअंट आफ कंसन
डब्ल्यूएचओ ने अभी तक दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजरायल, ब्रिटेन, नीदरलैंड में ओमी क्रोन का संक्रमण देखा गया है। डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरीअंट आफ करसन घोषित किया है हमारी केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि वे नए वेरिएंट के जोखिम वाले क्षेत्रों से आने वाले लोगों की सघन जांच कराएं और उनको क्वॉरेंटाइन रखा जाए।
क्या कहा है डॉक्टर गुलेरिया ने
एम्स के प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस के कॉमिक रोल स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक बदलाव अर्थात निर्देशन हुए हैं। इन बदलावों के चलते इसे एंटीबॉडी से बचाव की ताकत मिली है जिसकी वजह से यह टीके के असर से बच सकता है इसलिए इस स्वरूप पर वैक्सीन के असर को लेकर गहन अध्ययन जरूरी है डॉक्टर गुलेरिया के मुताबिक इसी वायरस को उसका स्पाइक प्रोटीन ही उस गांव में उसके प्रवेश को आसान बनाते हुए उसे संक्रामक बनाता है उन्होंने कहा है कि नए वेरिएंट की प्रसार क्षमता विषाणु था और एंटीबॉडी से बचने की क्षमता पर ज्यादा आंकड़े जुटाने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा उन्होंने बताया कि भारतीय सार्स कोव दो जिनोमिक समूह इंस्टॉल इ111 529 पर बारीकी से नजर रख रहा है और अभी तक देश में इसका कोई मामला नहीं आया है डॉक्टर गुलेरिया ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और जोखिम वाले क्षेत्रों से आने वाले लोगों के प्रति सतर्कता और कड़ी निगरानी पर जोर देने की सलाह देते हुए कहा है कि फिलहाल सभी को कठोरता से कोविड-19 व्यवहार पर पालन करना चाहिए और साथ ही यह भी तय करना होगा कि लोगों को टीके की दोनों खुराके मिल जाए।
नया वैरिएंट कैसे देरहा है टीके को मात
न्यूक्लिोकेप्सिड प्रोटीन
दो म्यूटेषन (आर203के, जी204आर) के मिलने से वायरस अधिक संक्रामक बन जाता है।
स्पाईक प्रोटीन
टीका लेने वाले लोगों में बनी एंटीबॉडी इस वायरस के 32 म्यूटेषन्स से लड़नें में मदद करती है।
तीन म्यूटेषन (एच555वाई, एन679के) पी 681एच) वायरस को षरीर की कोषिका में प्रवेष को आसान बनाती है।
मेम्ब्रेन प्रोटीन
अज्ञात म्यूटेषन इस वायरस को कहीं अधिक संक्रामक बना सकता है।
यूरोपीय देष हुए सख्त
यूरोपीय देषों अस्ट्रीया, फ्रांस, नीदरलैण्ड और माल्टा आदि ने उन पर्यटकों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है जो कि पिछले दो सप्ताह में दक्षिणी अफ्रीका, लेसोथे, बौत्सवाना, जिम्बाबे, मौजाम्बिक नामिबिया और स्वातिनी थे। जर्मनी में दक्षिणी अफ्रीका को वायरस वैरिएंट ऐरिया घोषित कर दिया है । इसका अभिप्रायः यह हुआ कि यहां से आने वाली एयरलाइं्रस को सिर्फ इसलिए प्रवेष दिया जायेगा ताकि जर्मन लोग वापिस आ सकें। आस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्र्रे हट ने कहा कि 9 अफ्रीकी देषों से सभी फ्लाइट्स को 14 दिनों के लिए बैन किया जायेगा, वे लोग जो कि आस्ट्रेलिया के नागरिक नही है या नागरिको ंपर आश्रित है और पिछले दो हफ्तों में अफ्रीकी देषों में घूमने के लिए गऐ हैं वे इस देष मे घुस नही पायेंगे। जापान ने अफ्रीकी देषों की यात्रा के नियमों को कड़ा कर दिया है। 27 नवम्बर से इन देषों के यात्रियों के लिए 10 दिनों का क्वारंटाईन अनिवार्य किया गया है मिश्र, सिंगापुर) मलेषिया, दुबई, सउदी अरब, जार्डन ने भी सातों अफ्रीकी देषों पर ऐसे ही प्रतिबन्ध लगाये है। श्रीलंका ने 6 दक्षिणी अफ्रीकी देषों के अधिकतर यात्रियों को अपनी सीमा में प्रवेष देने पर रोक लगाई है। श्रीलंका में दक्षिणी अफ्रीका, वोत्साना, जिम्बाबे, नामिबिया और लेसेथो इस्वातिनि से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से क्वारांइनटाइन रहने के लिए कहा गया है।
आगामी दिनों में सर्दी बढेगी जिसके चलते ओमीक्रोन मामलों में वृद्वि होने की सम्भावना हैं। इसलिए यह आवष्यक है कि हम लाोग अभी से सर्तक रहें। मुँह पर मास्क, सोषल डिस्टेसिंग का पालन ,वं कोरोना की तमाम गाइडलाइन्स का अनिवार्य रूप से पालन करें। समय-समय पर साबुन से अपने हाथों को धुलते रहें और आवष्यकतानुसार सेनेटाइजर का भी उपयोग किया जाय।